कंकाल तंत्र की परिभाषा
कंकाल तंत्र -: हड्डियों के समूह को कंकाल तंत्र कहते हैं। एक व्यस्क व्यक्ति में हड्डियों की संख्या 206 होती हैं।
कंकाल तंत्र के कार्य
कंकाल तंत्र के प्रकार
ब्राह्य कंकाल क्या है
अंतः कंकाल क्या है
मानव कंकाल कितने प्रकार के होते हैं
अक्षीय कंकाल
कशेरुक दण्ड
मनुष्य का कशेरुक दंड 33 कसेरूको (Vertebral) से मिलकर बना होता है। उल्लेखनीय है कि वयस्क अवस्था में इनकी संख्या घटकर 26 रह जाती है। मनुष्य की पृष्ठ सतह पर मध्य सिर से लेकर कमर तक एक लंबी,मोटी एवं छड़ के समान एक अस्थि पाई जाती है जिसे कशेरुक दंड (Vertebral Column) कहते हैं। सभी कशेरुक उपास्थि की गद्दियो द्वारा जुड़े रहते हैं इन गद्दियो से कशेरुक दंड लचीला रहता है, तथा यह बाहरी आघातों को भी सोख लेती है। कशेरुक दंड गर्दन तथा धड़ को लचक प्रदान करते हैं, जिससे मनुष्य किसी भी दिशा में अपनी गर्दन और धड़ को मोड़ने में सफल होता है।
स्टर्नम क्या है
पसलियों को आपस में जोड़ने वाली अस्थि स्टर्नम (Sternum) कहलाती है । यह वक्ष के बीचो-बीच स्थित होती है।
11 एवं 12 नंबर की पसलियों को 'फ्लोटिंग रिब्स' कहा जाता है, यह स्टर्नम से जुड़ी नहीं होती है।
पसलियां क्या होती है
मनुष्य में 12 जोड़ी पसलियां (Ribes) पाई जाती है जो फेफड़े तथा हृदय की रक्षा करती है।
अनुबंधी कंकाल या उपागी क्या होता है
वे हड्डियां जो शरीर के बाहर होती हैं और किसी चीज को पकड़ने चलने - फिरने में मदद करती हैं, उपांगी (Appendicular) हड्डियां कहलाती है। इनकी संख्या 126 होती हैं। इसके अंतर्गत मेखलाए (Girdles) तथा हाथ पैरों की अस्थियां आती है।
मेखलाएं क्या होती हैं
मनुष्य में अग्रपाद तथा पश्चपाद को अक्षीय कंकाल पर साधने के लिए 2 चाप पाए जाते हैं, जिन्हें मेखलाए (Girdles) कहते हैं। अग्रपाद की मेखला को अंशमेखला (Pectoral Girdles) तथा पश्चपाद की मेखला को श्रेणीमेखला (Pelvic Girdles) कहते हैं।
अंशमेखला तथा हाथ की अस्थियां
मनुष्य की अंश मेखला के दोनों भाग अलग-अलग होते हैं। इसके प्रत्येक भाग में 1 चपटी व त्रिकोनी हड्डी होती है, जिसे स्कैपुला (Scapula) कहते हैं। इसका आगे वाला भाग क्लेवीकल (Clevicle) से जुड़ा रहता हैं। इसी सिरे पर एक गोल गड्ढा होता है जिसे ग्लीनोइड गुहा (Glenoid Cavitu) कहते हैं। ग्लीनोइड गुहा मैं हयूमरस का सिरा जुड़ा रहता है। मनुष्य की एक हाथ की अस्थीयों में 1 ह्यूमरस, 2 रेडियस अलना, 8 कार्पल्स, 5 मेटाकार्पल्स तथा 14 फेलेंजेस होती है।
श्रेणीमेखला तथा पैर की अस्थियां
मनुष्य की श्रेणी मेखला तीन प्रकार की अस्थियों से मिलकर बनी होती है - इलियम, इस्चियम तथा प्यूबिस। व्यस्क में यह तीनों अस्थियां आपस में जुड़ी रहती है, श्रेणीमेखला पैरों की अस्थियों को अपने से जोड़ने के लिए संधि स्थान प्रदान करती है। मनुष्य के पेर में 1 फिमर, 2 टीबिया फीबुला, 7 टारसल्स, 5 मेटाटारसल्स तथा 14 फेलेंजस होती है। फीमर तथा टिबिया फिबुला के संधि स्थान पर एक गोल अस्थि (Bone) होती है जिसे घुटने की अस्थि या पटेला (Patella) कहते हैं। इस जोड़ पर मनुष्य का पेर केवल एक और ही मुड़ सकता है।
अस्थि एवं उपास्थि में अंतर
उपास्थी (Cartilaje) | अस्थि (Bone) |
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यह मुलायम एवं लचीली होती है। | यह कठोर होती हैं। |
यह अल्प पारदर्शी होती है। | यह अपारदर्शी होती हैं। |
इनका निर्माण केंद्रोओसाइट नामक कोशिकाओं से होता है। | इनका निर्माण ओस्टीओसाइट नामक कोशिकाओं से होता है। |
यह अस्थि के ऊपर पाई जाती है। | यह उपास्थि के ऊपर नही पाई जाती है। |
- उड़ने वाले पक्षियों की सभी हड्डियां खोखली होती हैं। मानव शहरी में उरू (femur) हड्डी खोखली होती हैं, यह जांघ की हड्डी होती हैं।
- पटेला smoide bone का बना होता है।
- कमर की हड्डी palvik पुरुषो में पतली और महिलाओं में चोड़ी होती हैं।
- मेरुरज्जू (नस) मेरुदंड हड्डी (रीड की हड्डी) में पाई जाती है।
- फ्लोटिंग रिब्स सापो में सर्वाधिक पाए जाते है, मानव शरीर में इनकी संख्या 4 होती एवं सापो में लगभग 350 होती हैं।
- मानव शरीर में सबसे ज्यादा हड्डी उंगलियों में पाई जाती है संख्या 28
- सबसे मजबूत हड्डी मेंडिबल लेकिन सबसे मजबूत अंग दात का इनामल
- एक नवजात बच्चे में हड्डियों की संख्या 270 से 300 के मध्य होती हैं। 8 से 10 साल के बच्चे में 208 हड्डी जबकि व्यस्क होने पर हड्डियों को संख्या घटकर 206 ही रह जाती है।
- 30 साल से पहले अगर हड्डी कही से टूट जाए तो यह बोहोत जल्दी जुड़ जाएगी क्योंकि 30 साल के बाद में हड्डी जुड़ने की संभावनाएं घटने लगती हैं।
- मानव अस्थि में ओसीन नामक प्रोटीन पाया जाता है इसकी मात्रा 38% होती है। तथा 62% कैलशियम फास्फेट पाया जाता है
- कंकाल का अध्ययन ओस्टियोलॉजी कहलाता है।
- कैल्शियम की कमी के कारण वृद्धावस्था में हड्डियां कमजोर होती है।
- मानव शरीर का 15% हड्डियां होती है।
- स्टील के मुकाबले अस्थियां 5 गुना ज्यादा मजबूत होती हैं।
- E-M-G (इलेक्ट्रो-म्यो-ग्राम) - मांसपेशियों के संकुचन अथवा गति के विद्युत परिणाम की गणना करने के लिए।
- ओस्टियोक्लास्ट - अस्थियों का विनाश इसी के माध्यम से किया जाता है । यह बोन मैरो (Bone marrow) का निर्माण भी करती है।
- अस्थियों में पाई जाने वाली गति मांसपेशी एवं संधि के कारण होती है।
- अस्थि को कठोरता प्रदान करने का कार्य कैल्शियम एवं मैग्नीशियम करता है जबकि अस्थि कैल्शियम और फास्फोरस से बनती है।
- नाखून एवं बालों का निर्माण मनुष्य में सल्की उपकला ऊतक द्वारा होता है।
- शारीरिक बल मांसपेशियों द्वारा लगाया गया बल होता है।
- व्यक्ति को थकान का अनुभव मांसपेशियों में उत्पन्न होने वाले लैक्टिक अम्ल के कारण होता है।
- अस्थि की लंबाई बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान उपास्थि का होता है।
- मांसपेशियों का लाल रंग मायोग्लोबिन के कारण होता है।
- आर्थोप्लास्ट (Mid point) में हीप ज्वाइंट संधि का स्थानांतरण किया जाता है।
प्रमुख संधिया
संधि का नाम | गुण/स्थिति | उदाहरण |
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हिंज संधि | इसे कब्जा संधि भी कहा जाता है। | कोहनी एवं घुटनों, उंगली की संधि |
कंदुक खल्लिका संधि | ह्यूमरस तथा स्कैपुला का जोड़, फीमर एवं पेल्विक का जोड़। | हाथो की सम्पूर्ण मेखला का जोड़ |
सेडल संधि | यह कंदूक खल्लिका संधि के समान होता है। | अंगूठे के जोड़ |
धुराग्र संधि | इनमें एक अस्थि कुंजी के समान होती है, तथा यह दो अस्थियों को आपस में मिलाने का कार्य करती हैं। | मुंह ओर हाथो का जोड़ |
अचल संधि | यह ऐसी अस्थियों के मध्य पाई जाती है, जो कभी गति नहीं करती है। | मनुष्य के कपाल की अस्थियों में पाई जाने वाली संधि। |
- मांस पेशी एवं अस्थि के जोड़ को टेंडन कहते हैं।
- अस्थि से अस्थि के जोड़ को लेगामेंटस कहते हैं।
- मानव शरीर की सबसे बड़ी हड्डी फीमर (जांघ की हड्डी) होती है।
- मानव शरीर की सबसे छोटी हड्डी स्टेपस (कान की हड्डी) होती है।
- 'U' के आकर की हड्डी हाइड कहलाती है,जो की मुख में पाई जाती है।
- सबसे मजबूत हड्डी जबड़े की होती हैं।
- ऊपरी जबड़े की अस्थि को मैक्सिला एवं निचले जबड़े की अस्थि को मेंडीबल कहा जाता है।
- मानव कर्ण की अस्थियां - मेलियस, इनकस,स्टेपिस
- स्टैपिस मानव शरीर को सबसे छोटी हड्डी है इसकी लंबाई 0.28 सेंटीमीटर होती हैं।