हाईवे पर गाड़ियों के टायर क्यों फट जाते हैं
अपने दैनिक कार्य को पूर्ण करने के लिए हमें अपने वाहनों की जरूरत तो होती ही है। हम सोचते हैं कि अगर हम अपनी वाहनों के अंदर अधिक हवा भरेंगे तो पंचर होने का खतरा थोड़ा कम हो जाएगा और हमारे वाहन एवरेज भी अच्छा देंगे! लेकिन यह सोच कुछ मददगार है तो कुछ नुकसानदायक भी है, क्योंकि अगर आप अपने वाहनों में हवा का दबाव यानी की वाहनों के टायर में ज्यादा हवा को भर लेंगे तो यात्रा के दौरान आपके वाहन का टायर भी फट सकता है इसका कारण है की अगर आप कहीं पर लंबे समय के लिए अपने वाहनों का उपयोग करेंगे आमतौर पर जब भी आप हाईवे पर जाएंगे तो गाड़ियों के अंदर भरी हुई हवा फैलने लगेगी क्योंकि गाड़ियों के टायर के अंदर नाइट्रोजन गैस भरी जाती है और गैस की प्रवृत्ति होती है कि वह ताप के कारण फैलने लगती है और जब भी आपकी गाड़ियों के टायर हाईवे पर चलने के कारण गर्म होने लगेंगे तो उसके अंदर भरी हवा फेलेगी और टायर फट सकता हैं। इससे बचने के लिए वाहनों के अंदर ओसत 40PHI तक की हवा रखनी चाहिए।
कार से उतरने पर करंट का झटका क्यों लगता है
कभी ना कभी तो आपने यह जरूर महसूस किया होगा कि जब भी आप कभी लंबे सफर के लिए निकले हो और आपने अपने पैरों में जूते/चप्पल नहीं पहन रखे हो और जब आप अपनी कार से उतरते हैं तो उतरते से ही आपको करंट का झटका लगता है और आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि 'कार से उतरते समय करंट क्यों लगा' ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब आपकी गाड़ी चल रही होती है तो वह स्वत: ही वायु के संपर्क ओर घर्षण के कारण विद्युत उत्पादन कर लेती है और कार से उतरते समय कभी - कभी आपको करंट भी लग सकता हैं। परंतु आप पृथ्वी से डायरेक्ट संपर्क में नहीं रहते यानी की आपने जूते/चप्पल पहन रखे हो या फिर आप किसी कुचालक वस्तु पर खड़े रहे तो उस करंट आप करंट का अनुभव नहीं कर सकते परंतु जब भी आप अपनी गाड़ी से उतरेंगे और पृथ्वी सतह से अपने पैर को स्पर्श करवाएंगे तो तुरंत ही आपको करंट का झटका लग सकता है ऐसा आपने तभी महसूस किया होगा जब आप कभी लंबे सफर के लिए निकले हो जब आप पृथ्वी सतह को स्पर्श करने के साथ उसी समय आप अपनी गाड़ी को भी स्पर्श किए हो। इस क्रिया में ज्यादा करंट का उत्पादन तो नही होता परंतु आपको करंट महसूस हो सके इतना जरूर उत्पादन हो जाता है वैसे तो यह करंट बोहोत काम होता है ओर इससे आपको कोई खतरा भी नही लेकीन अगर आप इस घटना से बचना चाहते हैं तो आप अपनी कार से उतरते समय और ड्राइविंग के समय अपने पैरो में जूते/चप्पल जरुर ही पहन के रखे।
मोड़ पर सड़कों को ऊंचा नीचा क्यों रखा जाता है
अपने रोजमर्रा के कामों के दौरान अपने अपनी यात्रा को पूर्ण करते समय यह जरूर अनुभव किया होगा कि जहां कहीं भी आपको मोड़ नजर आते हैं वहां पर सड़कों की एक साइड ऊपर तथा दूसरी साइड नीचे की ओर रखा जाता है। जैसे की पूरी सड़क समतल होती है वैसा ही उसका मोड़ नहीं रखा जा सकता है ऐसा वाहनों में बैलेंस बनाने के लिए किया जाता है तो चलिए अब हम एक उदाहरण की मदद से समझते हैं! जब कभी आपने अपनी गाड़ी से यात्रा की हो और कहीं पर मोड़ आया हो तो आप स्वत: ही अपनी गाड़ी को उसी दिशा में थोड़ा नीचे की तरफ झुका लेते हैं और ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि वह कम ही जगह में आपकी गाड़ी उसी रास्ते के साथ पलट जाए लेकिन जो चार पहिया वाहन होते हैं उन्हें हम उसी दिशा में नहीं ले जा सकते है इसीलिए सड़कों की मोड को एक तरफ से ऊंचा तथा दूसरी तरफ से नीचे बनाया जाता है ताकि भारी वाहन जैसे कि चार पहिया या फिर अधिक पहिया के वाहन जब कभी उस सड़क से या फिर उस मार्ग से यात्रा कर रहे हो तो वह अपने आप को उसी दिशा में थोड़ा जोखा पाए और कम ही जगह में उस सड़क के अनुसार मुड़ जाए अगर सड़कों की एक तरफ को नीचा तथा दूसरी तरफ को ऊपर नहीं रखा गया या फिर समतल रखा गया तो जब कभी भारी वाहन उस मोड़ से गुजरेगा तो वह पलट जाएगा इसीलिए नापतोल के अनुसार सड़कों की मोड की लंबाई के अनुसार गणितीय गणना करके मोड की एक साइट को नीचा तथा दूसरी साइट को ऊपर की तरफ रखा जाता है।